वह हसीन लम्हे, हमने है जो गुजारे, गांव में मचाता हुड़दंग। वह हसीन लम्हे, हमने है जो गुजारे, गांव में मचाता हुड़दंग।
दुनिया से दूर दुनियादारी से दूर सब से दूर रह कर, अपनी ज़िंदगी के चंद लम्हे गुजार लें... दुनिया से दूर दुनियादारी से दूर सब से दूर रह कर, अपनी ज़िंदगी के चंद लम्हे गुजार...
हम ही कसूरवार हैं हम ही कसूरवार हैं
दूर चला जाता है किसीसे दूर चला जाता है किसीसे
हो गई मैं हकीक़त की नाव पर सवार, साथ में ली मैंने ख़यालों की पतवार। हो गई मैं हकीक़त की नाव पर सवार, साथ में ली मैंने ख़यालों की पतवार।
रास्ता जैसे भूलने लगी थी आँखें पड़ गई जैसे धुँधली। रास्ता जैसे भूलने लगी थी आँखें पड़ गई जैसे धुँधली।